23-11-2024

भाकृअनुप - भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान

ICAR - Indian Institute of Maize Research

(ISO 9001:2015 certified)

Nurturing Diversity, Resilience, Livelihood & Industrial Inputs

संक्षिप्त विवरण

भा.कृ.अनु.प.- भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (भा.कृ.अनु.प.-भा.म.अनु.सं.) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के फसल विज्ञान प्रभाग के तत्वावधान में एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है। भा.म.अनु.सं. को भारत में मक्का के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अनुसंधान कार्यक्रमों की योजना, समन्वय और क्रियान्वयन करने के लिए आज्ञापित किया गया है। यह एक आईएसओ 9001:2015 अनुवर्ती संस्थान है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने 1957 में मक्का पर पहली समन्वित फसल सुधार परियोजना (CCIPM) की स्थापना की। भारत में समन्वित कार्यक्रम की शुरुआत से पहले, आर्थिक वनस्पतिविज्ञानी अपनी फसल सुधार गतिविधि के तहत मक्का पर अनुसंधान का कार्य करते थे। डॉ. ई. वी. स्प्रैग (मक्का वैज्ञानिक, रॉकफेलर फाउंडेशन) भारत में अपनी तरह के पहले केंद्रीकृत फसल सुधार कार्यक्रम के पहले समन्वयक थे। बाद में डॉ. एन.एल. धवन जो की भा.कृ.अनु.प. के एक प्रतिष्ठित पादप प्रजनक थे, ने डॉ. स्प्रैग की जगह पदभार गृहण किया। 1963 में पीएल 480 फंड के माध्यम से नए अनुसंधान कर्मचारियों को नियुक्त करके CCIPM को और मजबूत किया गया और इसका नाम बदलकर अखिल भारतीय समन्वित मक्का सुधार परियोजना (AICMIP) कर दिया गया। इसे जनवरी 1994 में मक्का अनुसंधान निदेशालय (DMR) में प्रोन्नत किया गया। देश में मक्का अनुसंधान कार्यक्रम को समेकित करने के लिए 9 फरवरी, 2015 को DMR को भा.कृ.अनु.प.- भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (भा.कृ.अनु.प.-भा.म.अनु.सं.) में उन्नित किया गया। भा.कृ.अनु.प.-भा.म.अनु.सं. का मुख्यालय 2016 में नई दिल्ली से लुधियाना स्थानांतरित कर दिया गया। उत्तर भारत के मक्का अनुसंधान केंद्रों, जहाँ पर सर्दियों में तापमान मक्का की खेती के लिए प्रतिकूल होता है, पर मक्का सुधार कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए 1962 में हैदराबाद के अंबरपेट में ऑफ-सीज़न नर्सरी, शीत नर्सरी सेंटर (WNC) की स्थापना की गई। इसके बाद, शीत नर्सरी सेंटर को 2008 में राजेंद्रनगर, हैदराबाद में स्थानांतरित कर दिया गया। पूर्वी भारत में सर्दियों (रबी) मक्का के बढ़ते महत्व को देखते हुए और बीज उत्पादन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 1997 में एक क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान और बीज उत्पादन केंद्र (RMRSPC) की स्थापना कुशमहौत, बेगूसराय (बिहार) में की गई।